देश के औद्योगिक केंद्रों विशेषकर पश्चिमी भारत से मज़दूरों के भीषण पलायन पर केंद्र सरकार की टिप्पणी आशा और बेचैनी पैदा करने वाली हैं, हालाँकि दावे सुनियोजित योजना की पुष्टि करती हैं. अब जरा सुनें सरकार के नुमाइंदे.क्या कहते हैं. केंद्र सरकार में कैबिनेट रैंक के मिनिस्टर से जब ये पूछा गया की २५ मई को रातों-रात कम्पलीट lockdown के पूर्व इस बात को लेकर कोई योजना बनाई गयी की देश जब इससे बाहर निकलेगा तो क्या होगा? श्रमिकों की रोज़ी-रोटी छीनने और इतने बड़े पैमाने पर पलायन होगा तो रणनीति क्या होगी, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्य श्रमिकों से लगभग खाली हो जायेंगे?
मंत्रीजी का जवाब बेहद दिलचस्प था, उनका कहना है की प्राइम मिनिस्टर मोदीजी को इस बात का पूरा आभास था और ये सोंची-समझी रणनीति के तहत किया गया. lockdown से बाहर आने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों विशेषकर मध्यप्रदेश, बिहार, झारखण्ड,छत्तीसगढ़ और ओड़िसा के श्रमिक अपने प्रदेश आएंगे, इसके बाद इन राज्यों का औद्योगिक विकास पश्चिम के राज्यों की तरह होगा। इससे एक संतुलन की स्थिति होगी और पूर्वी राज्य भी पश्चिम की तरह औद्योगिक विकास की नयी गाथा लिखेंगे. पाठकों क्या इस विचाधारा और योजना से आप सहमत हैं, अगर हाँ तो अपनी राय अवश्य दें. इससे पहले की अपनी बात समाप्त करूँ , इतिहास के पुराने दौर में आपको ले जाना चाहूंगा.
आपको याद ही होगा की ९० के दशक में दुनिया की दो महाशक्तियों में से एक रूस के मिखाइल गोर्वाचोव ने अपने देश में पेरेस्त्रोइका की घोषणा की थी, पेरेस्त्रोईका मतलब री-आर्गेनाईजेशन =,पुनर्संगठन. अब उसका अंजाम क्या हुआ, किसी से छिपा नहीं है, रूस के कई टुकड़े होने के बाद के बाद विकास की क्या स्थिति है और व्लादिमीर पुतिन क्या कर रहें है. समझ सकते हैं, बाबूगिरी से भरे इस देश में मोदीजी की योजनाओं पैर पलीता न लग जाये, खतरा इसी बात का है. बाकि सब फर्स्ट क्लास है.
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The central government's comments on the horrific exodus of workers from the country's industrial centers, particularly in western India, are a matter of hope and uneasiness, although the claims confirm the planned plan. Now listen to what the government says. When the cabinet rank minister in the central government was asked that before the complete lockdown on 25 May, a plan was made about what will happen when the country comes out of it? What will be the strategy if there is such a large-scale migration of workers and their livelihood, and many states including Maharashtra, Delhi will be almost empty of workers?
The reply of the Minister was very interesting, he says that the Prime Minister Modiji had a full idea of this and this was done under a well thought-out strategy. After coming out of the lockdown, workers from the northeastern states, especially Madhya Pradesh, Bihar, Jharkhand, Chhattisgarh and Odisha will come to their states, after which the industrial development of these states will be like the states of the west. This will create a state of equilibrium and the eastern states will also write a new saga of industrial development like the West. Readers, do you agree with this idea and plan, if yes, then give your opinion. Before I end my talk, I would like to take you into the old era of history.
You must remember that in the 90s, Mikhail Gorvachov of Russia, one of the two superpowers of the world, declared Perestroika in his country, Perestroika means Re-Organization =, Reorganization. Now what has happened is not hidden from anyone, what is the state of development after several pieces of Russia and what is Vladimir Putin doing. Can understand that in this country full of babugiri, Modi ji's plans do not fade, this is the danger. The rest is first class.
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हम सब को इस विषय पर गंभीरता से सोचना होगा। आपने बिल्कुल यथार्थ समस्या को उठाया है, आपको साधुवाद।
ReplyDeleteTRULY AMAZING.
ReplyDeletePalita lgne dijiye
ReplyDeleteTruly fabulous
ReplyDeleteपूरा पूरा केन्द्र सरकार की गलती से भारत मे कोरोना फैला है जो इस बीमारी को हल्के में लिया
ReplyDeleteराजकुमार भाई मजदूरों का हाल बेहाल है इस पे भी रोशनी डालिये
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ReplyDeleteAap ki bat to sochne wali hai but srif sab kendra per dal k palla jhar lene se to nahi chalega. state goverment ko v apne state me rojgar k baare me kuch kerna chahiye
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