कोविड १९ के दौर में इन दिनों वर्क फ्रॉम कल्चर को लेकर तरह-तरह के सर्वे और तर्कों का दौर जारी है. एक तबका जहाँ इसे वरदान के तौर पर देख रहा है, वहीँ दूसरा इसकी खामियों और प्रोफेशनलिजम को लेकर तरह- तरह के सवाल उठा रहा है. लेकिन वायरस का खतरा इतना अधिक और पेचीदा है कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचना अब समय की मांग बन चुकी है. इसकी अनदेखी अधिक दिनों तक अब मुमकिन नहीं है. लेकिन अहम सवाल अब ये उठ खड़ा हुआ है की इतने बड़े बदलाव के लिए आखिर कितने लोग मानसिक रूप से तैयार हैं. और वर्क कल्चर में इतने बड़े बदलाव के लिए उनकी तैयारी क्या है? बॉल यकीनी तौर पर आपके (employee) पाले में हैं, कुछ सोंचा है अपने इस तथाकथित न्यू नॉर्मल के बारे में. एक राय जरूर बनाएं और अपने एम्प्लॉयर को सूचित करें, हालाँकि कंपनियां भी इसे लेकर रणनीति बना रही हैं. जल्द ही इसकी डिटेल आपके पास पहुँचती होगी?
हालाँकि कुछ मल्टीनेशनल और देशी कम्पनीज भी इसे लेकर स्पष्ट हैं और new normal के तौर पर स्वीकार करने को तैयार हैं. शायद आने वाले दिनों में सरकारी दफ्तर भी इसमें जुड़ जाये. ट्रायल शुरू भी है. लेकिन क्या इसके साथ तारतम्य बिठाने में हम कामयाब हो पाएंगे? कम्बख्त वर्षों पुरानी जन्म- जन्मांतर जैसी आदत जो लगी है हमें सुबह 10 से शाम 5 ऑफिस में बिताने की. कुछ - एक को तो जब तक 1 0- 20 लोग सलाम न ठोकें और 4- 6 कप चाय की प्याली गटक न लें, लगेगा ही नहीं की दफ्तर गया.( ये मानसिकता करीब-करीब सभी दफ्तरों में सामान्य सी है,
इन परिस्थितियों में घर के शांतिपूर्ण माहौल में घर-परिवार और बच्चों के साथ दफ्तर का संचालन और माहौल बनाना भी कठिन चुनौती जैसी है। वर्तमान में कोर्ट की सुनवाई से लेकर कुछ ऑफिसों के वर्क फ्रॉम होम में भी कुछ हास्यास्पद स्थितियों से दो-चार होना पड़ रहा है. क्या इसे दूर किया जा सकता है? जरूर सोंचिये और अपनी राय अवश्य साझा करें. आखिर देश दो-रहे पर खड़ा है और हमारी राय की प्रतीक्षा में है.
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ENGLISH TRANSLATION
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In the era of COVID 19, a variety of surveys and arguments about work from culture continues these days. One section is seeing it as a boon, while the other is raising various questions about its flaws and professionalism. But the risk of the virus is so high and complicated that it is now time to reach a conclusion. It is not possible to ignore it for many days. But the important question has now arisen that how many people are mentally ready for such a big change. And what is their preparation for such a big change in work culture? Ball is definitely in your (employee) court, there is some thought about this so-called New Normal. Make an opinion and inform your employer, though companies are also making strategies regarding this. Will the details reach you soon?
However some multinational and domestic companies are also clear about this and are ready to accept as new normal. Perhaps in the coming days the government office should also be added to it. Trial is also started. But will we be able to keep pace with it? Combined years old birth - a birth-like habit that has started, we have to spend 10 to 5 in the morning in the office. until one 0 - 20 people do not salute and grab a cup of 4- 6 cups of tea, it will not seem that the office is gone. (This mentality is common in almost all offices, anyIs not untouched) Life seems meaningful only then. Moreover, to go to office, bus trains, traffic shouts and noise have also become a habit. Even if the environment is sacrificed.
Under these circumstances, it is also a difficult challenge to operate and create an office with family and children in the peaceful atmosphere of the house. Currently, from the court hearing to the work from home in some offices, some ridiculous situations have to be done. Can it be overcome Definitely think and share your opinion. After all, the country is standing on two sides and is waiting for our opinion.
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Interesting article
ReplyDeleteInformative
ReplyDeleteSuperb n informative blog (article) ever👌👌👏👏
ReplyDeleteGood one
ReplyDeleteवर्क फ़ॉर होम से माध्यम से क्या ग्रामीण और नेट का आभव होने से कार्य किया जा सकता है
ReplyDeleteहम उस लेकिन इसका एक वैकल्पिक उपाय है हमे अभी से अधिकतर कार्य को घर से करने का काम चालू कर देना चाहिये एवं युवा पीढ़ी को इस कार्य मे आगे आने के लिए प्रोसहित भी करना चाहिए
totally relatable👌👏
ReplyDelete'WORK FROM HOME'एक वैकल्पिक व्यवस्था है ताकि हम अपने तथा अपनों की जीवन की रक्षा कर सकें , इसलिए निःसंदेह हमारे लिये FOR TIME BEING ही सही यह BOON ही है ,शायद इसी वजह से हम बच्चों क़े साथ वक़्त गुज़ार पा रहें है .शायद हमारे पास इसके अलावा विकल्प ही नहीं है
ReplyDelete'WORK FROM HOME'एक वैकल्पिक व्यवस्था है ताकि हम अपने तथा अपनों की जीवन की रक्षा कर सकें , इसलिए निःसंदेह हमारे लिये FOR TIME BEING ही सही यह BOON ही है ,शायद इसी वजह से हम बच्चों क़े साथ वक़्त गुज़ार पा रहें है .शायद हमारे पास इसके अलावा विकल्प ही नहीं है
ReplyDeleteFrom:- सुनील कुमार सोनी
वर्क फ्रॉम होम की अवधारणा वर्तमान समय के परिपेक्ष्य में जरूरी तो है लेकिन पूरी तरह लागू करने में बहुत सी व्यावहारिक दिक्कते है। एक टेक्नो फ्रेंडली स्टाफ इसे आसानी से घर बैठे आराम से कर भी ले तो उसका अधिकारी या बॉस अपना रॉब किसपे झाड़ेगा फिर। 😂
ReplyDeleteहम सब अपने आस पास ये कल्चर आसानी से देख सकते है, कि कैसे स्टाफ को तंग किया जा रहा है अपना रौब दिखाने के लिए।जबकि वो काम वर्क फ्रॉम होम से बहुत आसानी से पूरा किया जा सकता है।
बहुत ही अच्छा लेख है। विसंगतियां किसी भी कार्य क्षेत्र में हो सकती है परंतु जरूरत के हिसाब से इसे लागू करना ही होगा। अगर आधे लोग भी वर्क फ्रॉम होम को अपना लेते हैं तो इससे सबका भला होगा और शायद प्रकृति भी यही चाह रही है।
Delete- योगेंद्र यादव
बहुत ही अच्छा लेख है। विसंगतियां किसी भी कार्य क्षेत्र में हो सकती है परंतु जरूरत के हिसाब से इसे लागू करना ही होगा। अगर आधे लोग भी वर्क फ्रॉम होम को अपना लेते हैं तो इससे सबका भला होगा और शायद प्रकृति भी यही चाह रही है।
Delete- योगेंद्र यादव
Nice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice Articles 👌👌
ReplyDeleteSochte rahe dhaar kaise tez hoga w.f.h se
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