जिंदगी को हम सीढ़ी की तरह नहीं देखते जिस पर चढ़ना चाहिए और बुलंदियों को अपना मुरीद बनाना चाहिए बल्कि एक जाल की तरह मानते हैं. जो हर तरफ से खींचता है -- घर, काम, परिवार, सगे-सम्बन्धी, दोस्ती समेत अन्य। लेकिन हम भूल जाते हैं कि अहम् संतुष्टि इन्हीं के बीच एकाकार होती हैं. गर ये नहीं तो जीवन में वैसे भी कुछ खास नहीं रखा. लेकिन क्या सभी इससे इतेफ़ाक़ नहीं रखते हैं ?
या फिर जीवन कोई प्रयोजन (कॉज) तो नहीं, ऐसे लोग सामाजिक रूप से काम करने के इच्छुक होते हैं, उनके लिए काम समाज में योगदान देने का तरीका होता है. वे गरीबी, अशिक्षा से लेकर पर्यावरण, स्वास्थ्य और अभी के कोरोना समेत तमाम तात्कालिक मुद्दों पर अभियान के लिए सदैव तत्पर होते हैं. इनके लिए काम का मतलब सिर्फ इनका प्रयोजन होता है, इसपर समझौते के लिए कभी तैयार नहीं होते. हालाँकि इसमें निहित प्रयोजन की दिशा या दशा समय-समय पर परिवर्तनशील रहती है.
तीसरे लाइफस्टाइलर्स किस्म के लोग होते हैं. जिनकी रूचि जीवन में आनंद उठाने को लेकर होती है. ये कुछ ऐसा नहीं करना चाहते, जो इनकी ज़िंदगी को नियंत्रण में ले ले. ऐसे लोगों की विशेष रूचि इस बात को लेकर विशेष होती है कि कल रात की पार्टी कैसी थी और उसमें क्या कुछ घटित हुआ था. चर्चा का प्रमुख विषय आमोद-प्रमोद और सेल्फ सेंट्रिक विषयों तक ही सीमित होती है. दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसे लोग स्वयं के लिए ज्यादा वक़्त देने में यकीन करते हैं. बैलेंसशीट की इन्हें विशेष परवाह होती, बाजार से सब्ज़ी लाना या घर के छोटे-मोटे कामों में भी रूचि होती है.
हो सकता है कि आप इन तीन उदाहरणों से मिलकर बने हों या किसी एक श्रेणी का हिस्सा हों. लेकिन केवल इन तीन श्रेणियों का अंश होना ही पर्याप्त नहीं है. बल्कि संतुष्टि की प्राथमिकता ही मूल पूंजी है. प्रसिद्ध विचारक वाल्जॉक की माने तो स्पोर्ट्स कार खरीदना, शॉपिंग या हॉलिडे पर यूरोप, अमेरिका जाना ज्यादातर लोगों की पहुँच से बाहर होता है. इसपर दुखी होने की बजाय समाज के जिंदादिल लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए, ऐसे लोग तनाव की बजाए खुश होने में ज्यादा यकीन करते हैं. और खुशियों के लिए किसी कारणों के मोहताज नहीं होते. इनका मूल मंत्र है, मन का हो तो अच्छा और न हो तो और भी अच्छा। अब आप तये कर लें अपनी श्रेणी। लेकिन जीवन में खुशिओं और संवेदनाओं को अवश्य तरजीह दें.
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ENGLISH TRANSLATION
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We do not look at life as a ladder which should be climbed and high-altitude should be made our own, but rather as a trap. Which draws from every side - home, work, family, relatives, friendship and others. But we forget that ego gratification is in the midst of these. If not, then nothing special was kept in life anyway. But doesn't everyone agree with this?
In the last few months, during the cycle of time, these things have either stirred you up in your mind or may have given you a new direction. The direction of contemplation must have turned towards what life is in the true sense. Becoming a carriarist - one who thinks day and night about his career, money and successes or is always busy climbing corporate steps and taking up new projects. Getting up, sitting, sleeping and waking up is all under this. There is no other world apart from this, to fall behind in it may mean to push back or eliminate life.
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Or is there no purpose in life (Cause), such people are willing to work socially, for them work is the way to contribute to society. They are always ready to campaign on all the immediate issues including poverty, illiteracy, environment, health and present-day corona. For them, work only means their purpose, they are never ready to compromise on it. However, the direction or condition of the purpose contained in it varies from time to time.
Third Lifestyles are kind of people. Those who are interested in enjoying life. They do not want to do something that takes their lives under control. The special interest of such people is special about how last night's party was and what happened in it. The main topic of discussion is limited to the topics of entertainment and self-centricity. In other words, such people believe in giving more time for themselves. He has special care for the balance sheet, is interested in bringing vegetables from the market or even doing small household chores.
Maybe you are made up of these three examples or are part of one category. But it is not enough to be part of these three categories. Rather, the priority is satisfaction. Famous thinker Valjock believes that buying a sports car, going to Europe or America on shopping or holiday is out of reach of most people. Instead of being unhappy over it, inspiration should be taken from the lively people of the society, such people believe more in being happy rather than tense. And there are no reasons for happiness. Their basic mantra is, if the mind is good then it is not good. Now you should try your category. But in life, must give preference to feelings and sensations.
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