यहाँ कौन किसको याद रखता है ग़ालिब, जिंदगी को जिंदगी से रहगुज़र है. ग़ालिब की इन पंक्तियों से कई बार रूबरू होने के बाद भी इसके मायने कई बार अछूते रह जाते हैं या चूक जाते हैं. भावावेश में जीवन को समाप्त करने का लिया गया एक निर्णय कई ऐसे अनुत्तरित सवाल छोड़ जाता है, जिसकी भरपाई असंभव है. कल जिस एक सितारे के असमय जाने पर दुनिया भर में कोलाहल था, वो शोर अब थम सा गया है. रिक्त स्थान की पूर्ति अब एक नयी घटना ने ले ली है. चारों ओर इसकी चर्चा है. स्वाभाविक भी जिंदगी की अठखेलियां इतनी अनूठी है कि साहब पूछो मत. जिंदगी एक अबूझ पहेली और इसे समाप्त करने वाला सिवाए एक नादाँ के कुछ नहीं.
आत्महत्या अर्थात जीवन से पलायन। जीवन जिसे दुनिया के सभी धर्मों में अनमोल और ईश्वर की अनुपम भेंट कहा गया है, जिसका मोल सारगर्भित और पूरा जीवन जीकर ही चुकाया जा सकता है. आत्महत्या रचयिता का अपमान है और इसके लिए कोई भी परंपरा व्यक्ति को माफ़ करने के लिए राज़ी नहीं है. कुछ विशेष परिस्थितियों में ही भारतीय धर्म परंपरा मृत्यु के वरण को गौरव की दृष्टि से देखती है. इसे महिमावान बता पुण्य की दृष्टि से देखती है. इच्छा मृत्यु, समाधिमरण या प्राण को मूर्छा में स्थिर कर शरीर छोड़ देने की यौगिक क्रियाएं इसी तरह के पुण्य अधिष्ठान हैं.
रामायण में इस तरह का प्रसंग है जब लक्ष्मण ने राम द्वारा परित्याग किये जाने के बाद सरयू नदी के तट पर जाकर अपने प्राण उत्सर्ग किये थे, बाद में राम ने भी इसी तरह सरयू के तट पैर जाकर अपने प्राणों का विसर्जन किया था. महाभारत काल में अर्जुन ने भी युधिष्ठिर को अपमानित करने के प्रसंग में आत्महत्या करने की प्रतिज्ञा ली थी, जिसे सुनते ही कृष्ण ने अर्जुन का मज़ाक उड़ा ऐसा करने से रोक दिया था. वहीँ दुर्योधन के मन में भी गंधर्वराज मित्रसेन द्वारा बंदी बनाने और पांडवों द्वारा छुड़ाए जाने पर आत्महत्या का निश्चय किया था. अन्य प्रसंग भी है. अंतर सामान्य और विशेष परिस्थितियों का है और इसका भान होना अतिआवश्यक होने के साथ हमारा कर्तव्य भी.
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ENGLISH TRANSLATION
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Who here remembers whom, Ghalib, is obsessed with life. Even after several times through these lines of Ghalib, its meaning is left untouched or missed many times. A decision taken to end life in emotion leaves many unanswered questions, which are impossible to compensate. Yesterday, the noise of a single star who went unopposed around the world, has now stopped. A new event has now filled the empty space. It is discussed all around. Naturally, life's behavior is so unique that don't ask sir. Life is an incomprehensible puzzle and nothing but a fool to end it.
Anyway, death is not a surprise or unnatural event for the Indian Vedic religion tradition, which considers life as a journey or a divine play. This is not an end of life at all, but an extension of that. One can say more and more relaxation and preparation for a new life. But suicide has been termed as a felony in Indian tradition. It is said that this is like a Brahmana and there is no apology for it, then wandering till birth after birth is destiny.
Suicide means escape from life. Life which has been called precious in all the religions of the world and a unique gift of God, whose value can be paid only by living a pithy and full life. Suicide is an insult to the creator and no tradition is willing to forgive the person for it. It is only under certain circumstances that the Indian religious tradition views the statement of death with pride. Seeing it as glorious, she looks at the virtue. Compound actions of wishing death, attrition or stabilizing the body and leaving the body are similar virtuous installations.
There is a similar incident in Ramayana when Lakshmana left his life on the banks of Saryu river after abandoning Rama, later Ram too immersed his life on foot on the banks of Saryu. During the Mahabharata period, Arjuna had also pledged to commit suicide in the context of humiliating Yudhishthira, which Krishna stopped to do so by mocking Arjuna on hearing this. At the same time, in Duryodhana's mind, Gandharvaraj Mitrasen had decided to commit suicide after being taken captive and rescued by the Pandavas. There is other context too. The difference is between normal and special circumstances and it is very important to be aware of it and also our duty.
Kya khub.kya khub
ReplyDeleteबहुत अच्छा है। 👍
ReplyDeleteबहुत अच्छा है। 👍
ReplyDeleteलाजवाब रचना है आज के लेख की बात एवं भाषा शैली काफी प्रभावित करने वाली है
ReplyDelete👍🙏
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